सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गुजरात हाई कोर्ट रजिस्ट्री से पदोन्नति श्रेणी के तहत राज्य में अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए वरिष्ठ सिविल न्यायाधीशों के नामों को शार्टलिस्ट करने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया का विवरण प्रदान करने को कहा।

29 अप्रैल को होगी अलगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का समय दिया। अब याचिका पर 29 अप्रैल को सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने गुजरात हाई कोर्ट की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता वी. गिरी से अपनाई गई चयन प्रक्रिया का विवरण उपलब्ध कराने को कहा।

68 न्यायिक अधिकारियों के चयन को दी गई है चुनौती

पीठ ने पूछा कि पदोन्नति के लिए न्यायिक अधिकारियों के नाम कैसे तय किए गए। शीर्ष अदालत वरिष्ठ सिविल जज कैडर अधिकारियों, रविकुमार मेहता और सचिन प्रतापराय मेहता की याचिका पर सुनवाई कर रही है। इसमें जिला न्यायाधीशों के उच्च कैडर में 68 न्यायिक अधिकारियों के चयन को चुनौती दी गई है।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने पदोन्नति को गुजरात राज्य न्यायिक सेवा नियम 2005 का उल्लंघन मानते हुए सूरत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हंसमुख भाई वर्मा समेत गुजरात के 68 लोअर न्यायिक अधिकारियों के पदोन्नति पर रोक लगा दी थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वर्मा ने ही मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था।

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